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सवाल ७ : ख्वाब में पीर को नबी या ख़ुदा की शक्ल में देखने के क्या मानी हैं?
जवाब: अगर मुरीद ने ख्वाब में नबी करीम ﷺ को अपने पीर की सूरत में देखा तो समझे कि पीर का इत्तिबा बिल्कुल हज़ूर की इत्तिबा है और गोया हज़ूर ने ही इसको यह इशारा फ़रमाया है कि तेरा पीर मेरी जगह है मुझ में और उस में बेगानगी नहीं है। अगर अपने पीर को ख्वाब में देख कर यह ख्याल किया कि यह ख़ुदा है तो उसकी ताबीर यह है कि पीर ख़ुदा का मज़हर है, ख़ुदा की इस पर तजल्ली है और बहुत से काम ख़ुदा ने उस के सुपुर्द किए हैं।
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