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सवाल ५ : मुरीद अगर सपना देखें तो क्या करें?

जवाब: मुरीद चाहे ख्वाब दिन को देखे या रात को, अपने मुर्शिद के सिवा किसी से बयान ना करें, और जब बयान करें तो उसकी ताबीर ना पूछे। अगर मुर्शिद बयान कर दें तो फिर वही मुराद, वरना खामोश हो जाए। सालिक इब्तेदा में जो वाक़िआत देखा करता है वह बाद में रफ्ता रफ्ता कम हो जाते हैं, मसलन जब कोई शख्स किसी शहर को जा रहा हो तो रास्ते में उसको दरख्त, पहाड़ और तरह तरह की चीजें नज़र आती हैं। इसी तरह अस्ना-ए-सुलूक में भी आफ़ताब, सितारे और सुवर मशायख़ वगेरह अश्या सालिक की नज़र में आती हैं, और कभी-कभी हातिफ़ की आवाज़ भी सुनता है मगर बाद में मफ़क़ूद हो जाती है।

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