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सवाल १६ : जो राह-ए-तसव्वुफ़ में मुब्तदी क़दम रखे उसके लिए क्या ज़रूरी है?

जवाब: मुब्तदी के लिए मुक़द्दम यह है कि मुर्शिद-ए-हादी की तलाश व जुस्तजू करें। मुर्शिद दो किस्म के होते हैं, एक हादी और एक मुंज़िर।
[अरबी मुंज़िर – (आने वाली सा'अत से) डराने वाला, मुतनब्बे करने वाला, मुस्तकबिल के खतरात से आगाह करने वाला, (अज़ाब-ए-इलाही का) खौफ दिलाने वाला (ख़ासकर पैग़म्बर)]
इन दोनों में तमीज़ करनी बहुत मुश्किल है क्योंकि दोनों वाएज़ ओ नसीहत करते हैं और नसीहत में हिदायत भी है और अंदाज़ भी।

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